बीमारी का पुनरावर्तन बसंत और गर्मियों के दौरान अधिक बार होता है.
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बीमारी का पुनरावर्तन बसंत और गर्मियों के दौरान अधिक बार होता है.
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अब धीरे-धीरे व्यायाम को बढ़ाना चाहिए किन्तु अत्यासक्ति से बीमारी का पुनरावर्तन हो सकता है।
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शांत हो जाना एक के बाद एक घटित होना पुनः पतन खोल डाल बीमारी का पुनरावर्तन खुल जाना
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एक बार संयमित तथा पुनर्वापसी होने के बाद बीमारी का पुनरावर्तन न हो यह निगरानी आवश्यक है.
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सारांश में, बीमारी का पुनरावर्तन रोकने के लिए साइकोफार्माकोलोजिक एजेंट मदिरा रोग के उपचार के चिकित्सीय साधन के रूप में महत्वपूर्ण हैं.
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जैसे-जैसे रोगी की स्थिति में सुधार होता है, व्यायाम को बढ़ाना चाहिए, पर बहुत जल्दी-जल्दी नहीं, नहीं तो बीमारी का पुनरावर्तन हो सकता है।
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क्योंकि मदिरा रोग कैंसर या मधुमेह की तरह दीर्घकालीन बीमारी है, इसका एक और लक्षण है कि यह जल्दी से पकड़ में आ जाता है और उपचार के बाद बीमारी का पुनरावर्तन भी हो सकता है.
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शांत हो जाना एक के बाद एक घटित होना पुनः पतन खोल डाल बीमारी का पुनरावर्तन खुल जाना उधेड़ तनाव कम करना एक के बाद एक घटित होना पूर्वावस्था प्राप्ति एक के बाद एक होना फिर कष्ट मेँ पड़ना